‘विश्व साइकिल दिवस’
साइकिल चलाना सीखना शायद हम सभी की बचपन की याद का पसंदीदा लम्हा है। साइकिल को बैलेंस करते हुए पैडल चलाना और कई बार गिर जाना, साइकिल ने शायद हमें ज़िदगी में काफी कुछ सिखाया है। अपना बैलेंस बनाए रखने के लिए आगे बढ़ते रहना ज़रूरी है। दुनिया के कई ऐसे हिस्से हैं, ,जहां आज भी साइकिल के ज़रिए ही एक जगह से दूसरी जगह जाया जाता है। इनमें यूरोप, डेनमार्क और नीदरलैंड्स जैसी जगहें शामिल हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का साइकिल उद्योग दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार है? साथ ही हमारा देश साइकिल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
साइकिल चलाने के फायदे कई हैं। इसे न सिर्फ खरीदना आसान है, यह आपको फिट रखती है और वातावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाती। यही वजह है कि अप्रैल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। विश्व साइकिल दिवस साइकिल को मानव प्रगति, उन्नति, स्थिरता, सामाजिक समावेश और शांति की संस्कृति के प्रतीक के रूप में मनाता है।
साइकिल और इंसान के बीच अटूट बंधन
साइकिल लंबे समय से मनुष्य के जीवन का हिस्सा रही है। हालांकि, इस रिश्ते में साल दर साल बदलाव देखा गया है। आपने अपने मां-बाप या दादा-नाना से साइकिल से जुड़ी
कई कहानियां सुनी होंगी कि वे किस तरह स्कूल तक पहुंचने के लिए साइकिल से मीलों दूर का सफर तय करते थे। साइकिल ने उनके लिए दूर का सफर आसान बना दिया था। हालांकि, आज के ज़माने में लोग घंटों साइकिल चालकर इससे सेहत और वातावरण को पहुंचने वाले फायदों के बारे में जागरुकता फैलाते हैं।
इसलिए चलाएं साइकिल
-साइकिलिंग से पर्यावरण में प्रदूषण नहीं होता.
-आधा घंटा साइकिलिंग से बॉडी फिट रहती है और शरीर पर चर्बी नहीं आती.
-साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम अच्छा रहता है और पाचन क्रिया ठीक रहती है.
-रोजाना साइकिलिंग से दिमाग 15 से 20 फीसदी एक्टिव रहता है.
-साइकिलिंग सबसे सस्ता परिवहन साधन है.
-हार्ट और लंग्स स्ट्रॉन्ग रहते हैं और कई जानलेवा बीमारियां दूर रहती हैं.
Excellent
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